भाकपा(माले) की केंद्रीय कमिटी की यह बैठक सिर्फ़ एक आंतरिक राजनीतिक चर्चा भर नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए चलने वाले व्यापक आंदोलन की दिशा तय करने वाला मंच है। यह बैठक इस बात का संदेश देती है कि वोट चोरी और लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ लड़ाई को गाँव-गाँव और गली-गली तक ले जाया जाएगा और जनता की भागीदारी से एक मज़बूत वैकल्पिक ताक़त खड़ी की जाएगी।
इसके साथ ही, 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा-जदयू गठबंधन की साज़िशों और उनकी साम्प्रदायिक-तानाशाही राजनीति पर भी गंभीर विमर्श किया जा रहा है। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा, वोट चोरी के खिलाफ संघर्ष
भाकपा(माले) की केंद्रीय कमिटी की यह बैठक सिर्फ़ एक आंतरिक राजनीतिक चर्चा भर नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए चलने वाले व्यापक आंदोलन की दिशा तय करने वाला मंच है। यह बैठक इस बात का संदेश देती है कि वोट चोरी और लोकतंत्र पर हमले के खिलाफ लड़ाई को गाँव-गाँव और गली-गली तक ले जाया जाएगा और जनता की भागीदारी से एक मज़बूत वैकल्पिक ताक़त खड़ी की जाएगी।