आज सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने और मज़बूत करने का संकल्प है। लोकतंत्र की असली ताक़त जनता के हाथों में है, और जनता की सबसे बड़ी शक्ति उसका मत देने का अधिकार है। जब यही अधिकार छीना जाता है, तो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर हो जाती हैं।
भाजपा-जदयू सरकार पर आरोप है कि बिहार में गरीबों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से योजनाबद्ध तरीके से कटवाए जा रहे हैं। यह न केवल उनके संवैधानिक अधिकार का हनन है, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा पर हमला भी है। मताधिकार के बिना जनता की भागीदारी अधूरी रह जाती है और सत्ता एक सीमित वर्ग के हाथों में सिमट जाती है।
इसी अन्याय के खिलाफ़ INDIA गठबंधन ने यह यात्रा शुरू की है। इसका संदेश स्पष्ट है—जनता का वोट, जनता का हक़ है और इसे कोई सरकार या ताक़त छीन नहीं सकती। यह संघर्ष सिर्फ़ चुनावी अधिकार का सवाल नहीं, बल्कि बराबरी, न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की लड़ाई है। यह यात्रा हर नागरिक को यह याद दिलाती है कि लोकतंत्र तभी तक जीवित है जब तक जनता जागरूक और संगठित रहती है।