अरवल और फुलवारी शरीफ के विधायकों पर हो रहे दमन के ख़िलाफ़ पालीगंज बाजार में एक ज़ोरदार प्रतिरोध सभा आयोजित की गई। यह सभा इस बात का सशक्त संदेश थी कि लोकतंत्र और जनता की आवाज़ को दबाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभा में उपस्थित लोगों ने 24 साल पुराने सड़क जाम के केस में अरवल के विधायक कॉ. महानंद सिंह की अचानक गिरफ्तारी और फुलवारी शरीफ के विधायक कॉ. गोपाल रविदास पर लगाए गए झूठे मुक़दमे की निंदा की।
सभा में नेताओं और जनता ने मिलकर यह स्पष्ट किया कि सत्ता के दमन और राजनीतिक उत्पीड़न के तरीकों का जनता के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने न्याय और पारदर्शिता की मांग करते हुए यह आश्वासन दिया कि इस तरह के अन्याय और दमन के खिलाफ वे लगातार लड़ाई जारी रखेंगे। इस प्रतिरोध सभा ने यह भी दर्शाया कि लोकतंत्र केवल वोटों तक सीमित नहीं है,
सभा में उपस्थित लोगों ने एकजुटता का परिचय देते हुए कहा कि दमनकारी प्रयासों के बावजूद जनता और उनके चुने हुए प्रतिनिधि हमेशा अपने अधिकारों और हक़ की रक्षा के लिए खड़े रहेंगे। यह घटना पालीगंज और आसपास के क्षेत्रों में लोकतंत्र की मजबूती और जनता की जागरूकता का प्रतीक बनकर उभरी।