इस आयोजन में स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग भी भाग लेते हैं। समस्या सुनने के बाद आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाते हैं और समाधान की प्रक्रिया शुरू की जाती है। यह पहल लोकतंत्र की वास्तविक भावना को साकार करती है और जनता के विश्वास को मजबूत बनाती है।
हर सप्ताह होने वाली इस नियमित जनसुनवाई से यह सुनिश्चित होता है कि प्रशासनिक प्रक्रियाएँ पारदर्शी और प्रभावी रहें। साथ ही, यह जनता को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का अवसर भी प्रदान करती है। यह एक सकारात्मक उदाहरण है कि कैसे लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को महत्व दिया जा सकता है और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।