आज हमने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें संवेदनाएँ व्यक्त कीं और इस कठिन समय में हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। ऐसी घटनाएँ न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अत्यंत पीड़ादायक होती हैं। यह घटना स्वास्थ्य और मातृत्व सुरक्षा के महत्व को उजागर करती है और यह याद दिलाती है कि ग्रामीण इलाकों में प्रसूति और नवजात देखभाल की उचित व्यवस्थाएँ अत्यंत आवश्यक हैं।
पालीगंज प्रखंड के मुड़िका पंचायत के सहोरा गांव में एक बेहद दुखद घटना घटी, जिसमें गुड्डू यादव की 19 वर्षीय पत्नी सुलेखा देवी की प्रसूति के दौरान मृत्यु हो गई। दुर्भाग्यवश, जन्म के कुछ ही घंटों बाद उनका नवजात शिशु भी इस दुनिया को छोड़ गया। इस दुखद नुकसान ने पूरे परिवार और गांव में गहरा शोक फैला दिया है।
हमारा प्रयास रहेगा कि पीड़ित परिवार को हर प्रकार की मदद मुहैया कराई जाए और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से निपटने के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ बनाया जाए। इस प्रकार की संवेदनशील स्थिति में समुदाय का सहयोग और सरकारी सहायता दोनों ही अहम भूमिका निभाते हैं।