राजधानी पटना में अपराध बेलगाम हो चुका है। हाल ही में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी की घटना में दो युवकों की निर्मम हत्या ने पूरे शहर को दहला दिया है। सड़कों पर अब ज़िंदगी नहीं, बल्कि लाशें बिछ रही हैं, और यह स्थिति राज्य की क़ानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे बेखौफ होकर खुलेआम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, जबकि शासन और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। न तो अपराधियों पर लगाम कसने के ठोस कदम उठाए जा रहे हैं और न ही आम जनता को सुरक्षा का भरोसा मिल रहा है।
पटना जैसे महत्वपूर्ण शहर में ऐसी घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। सरकार को अब केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर कठोर कार्रवाई करनी होगी, ताकि जनता का विश्वास बहाल किया जा सके और अपराधियों में डर पैदा हो सके।