आज दुल्हिनबाज़ार प्रखंड के धाना गाँव में नवनिर्मित पुस्तकालय भवन का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर ग्रामीणों, शिक्षकों, छात्र-छात्राओं और जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह में वक्ताओं ने पुस्तकालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भवन केवल ईंट और पत्थरों से नहीं, बल्कि गाँव के उज्जवल भविष्य की नींव रखने वाला केंद्र बनेगा। यह पुस्तकालय क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए अध्ययन, तैयारी और आत्मविकास का सशक्त माध्यम बनेगा।
ग्राम्य क्षेत्रों में शिक्षा को सुलभ और सशक्त बनाने की दिशा में यह पुस्तकालय एक महत्वपूर्ण पहल है। आज भी कई गाँवों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री और शांत वातावरण की कमी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह पुस्तकालय न केवल ज्ञान का स्रोत बनेगा, बल्कि डिजिटल युग में ग्रामीण युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं, रोजगार की जानकारी और व्यक्तित्व विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगा।
इस पुस्तकालय के शिलान्यास के साथ ही एक मजबूत संकल्प लिया गया — हर गाँव तक शिक्षा, संसाधन और अवसर पहुँचाने का। यह पहल दर्शाती है कि ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की शुरुआत शिक्षा से होती है। "📖 शिक्षित समाज ही सशक्त समाज की नींव है" — इस विचार को केंद्र में रखते हुए यह पुस्तकालय आने वाली पीढ़ियों को न केवल ज्ञान देगा, बल्कि उन्हें सपने देखने और उन्हें साकार करने की राह भी दिखाएगा।