पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के महाबलीपुर पंचायत के 19 भूमिहीन परिवारों को गत वर्ष सरकार द्वारा 3 डिसमिल जमीन का पर्चा प्रदान किया गया था। यह कदम सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण था, लेकिन दुर्भाग्यवश अंचल कार्यालय की लापरवाही के कारण उन परिवारों को जो जमीन चिन्हित की गई थी, वह न तो बसने योग्य थी और न ही जीवनयापन के अनुकूल। पथरीली, बाढ़ग्रस्त और असुरक्षित क्षेत्र में ज़मीन देकर उनके साथ अन्याय किया गया।
इस अन्याय को सुधारने हेतु मेरे प्रयासों से संबंधित जमीन के पर्चों को निरस्त करवाया गया ताकि उन परिवारों को एक बेहतर और सुरक्षित स्थान पर पुनः ज़मीन आवंटित की जा सके। आज अंचल के अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों के साथ मिलकर संभावित स्थल का निरीक्षण किया गया।
यह केवल ज़मीन देने का मुद्दा नहीं है, यह सम्मान, गरिमा और अधिकार की बात है। हर नागरिक को बसने योग्य भूमि मिलना उसका संवैधानिक अधिकार है, और जब तक महाबलीपुर पंचायत के अंतिम भूमिहीन को उसकी ज़मीन नहीं मिल जाती, यह संघर्ष जारी रहेगा।हमारा संकल्प है कि विकास की योजनाओं में कोई भी वंचित न रह जाए, और हर परिवार को छत, ज़मीन और जीवन की बुनियादी सुविधाएँ सुनिश्चित हों। यह पहल उसी दिशा में एक सशक्त और निर्णायक कदम है।