आज पटना ज़िला के बिक्रम प्रखंड स्थित हैबसपुर गाँव में आयोजित अंबेडकर जयंती सप्ताह के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का अवसर मिला। यह कार्यक्रम बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन, विचारों और उनके ऐतिहासिक योगदान को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
गाँव के लोगों में कार्यक्रम को लेकर जिस उत्साह और संकल्प का प्रदर्शन देखा गया, वह अत्यंत प्रेरणादायक था। विशेष रूप से पिछड़े, वंचित और दलित समुदाय के युवाओं की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि बाबा साहेब की विचारधारा आज भी गाँव-गाँव में जीवंत है।
कार्यक्रम की शुरुआत भारत रत्न डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इसके बाद वक्ताओं ने उनके जीवन संघर्ष, संविधान निर्माण में भूमिका, शिक्षा के प्रति उनके दृष्टिकोण, और सामाजिक न्याय की उनकी अवधारणा पर प्रकाश डाला। सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, गीत, भाषण, नाटक और पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों का प्रसार किया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य केवल श्रद्धांजलि देना ही नहीं था, बल्कि यह लोगों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और सामाजिक न्याय के प्रति जागरूक करने का भी एक मंच बना। युवाओं में यह भावना जगाना कि शिक्षा, समानता और स्वाभिमान के रास्ते पर चलकर ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है – यही बाबा साहेब का असली संदेश था।
Dr. Sandeep Saurav