आज बिहारशरीफ के टाउन हॉल में नालंदा और नवादा जिलों का संयुक्त ‘बदलो बिहार समागम’ ऐतिहासिक रूप से आयोजित किया गया, जिसने बिहार की जनता में बदलाव की एक नई लहर पैदा की है। इस समागम के मंच पर विभिन्न जनसंगठनों, सामाजिक आंदोलनों, युवाओं, छात्रों और शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले संघर्षों ने अपनी एकजुटता का प्रदर्शन किया। इन संगठनों ने यह संदेश दिया कि बिहार की जनता अब बदलाव के लिए पूरी तरह तैयार है और वे अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
समागम में उठाए गए मुद्दे केवल स्थानीय समस्याओं तक सीमित नहीं थे, बल्कि यह बिहार की समग्र सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को सामने लाए। शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई, जो बिहार के विकास में अड़चन बने हुए हैं। समागम ने यह स्पष्ट किया कि बिहार की जनता अब अपनी आवाज़ को दबने नहीं देगी और उनका संघर्ष अब और भी प्रगाढ़ और तेज़ हो चुका है।
यह समागम इस बात का प्रतीक था कि बिहार में लोग अब परिवर्तन के लिए तैयार हैं, और वे अपनी आवाज़ को एकजुट होकर उठाने का समय आ चुका है। इस समागम ने बदलाव की उम्मीद को फिर से जीवित किया और यह साबित कर दिया कि अब बिहार की जनता हर उस नीति और व्यवस्था को चुनौती देने के लिए तैयार है, जो उनके हितों की अनदेखी करती है। dr. Sandeep Saurav