पालीगंज प्रखंड के जरखा गांव के लोगों के लिए लुआई नदी हमेशा एक चुनौती रही है। बरसों से ग्रामीणों को इस नदी को पार करने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ती थी। बारिश के मौसम में तो हालात और भी खराब हो जाते थे, जब नदी उफान पर होती थी और कई बार लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं। किसान, मजदूर, विद्यार्थी और बीमार लोग सभी प्रभावित होते रहे।
1 अक्टूबर को लुआई नदी पर 67.12 मीटर लंबे और ₹541.96 लाख की लागत से बनने वाले आरसीसी पुल का शिलान्यास हुआ। यह केवल एक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं थी, बल्कि एक जनसंघर्ष की ऐतिहासिक जीत थी। स्थानीय जनता के दृढ़ संकल्प, बार-बार किए गए विरोध-प्रदर्शनों और सतत जनदबाव ने अंतत जिन्होंने इस सामूहिक संघर्ष को सलाम किया और निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया।
आज का यह पुल न सिर्फ दो छोरों को जोड़ेगा, बल्कि लोगों की उम्मीदों, अधिकारों और आत्मसम्मान को भी जोड़ने का काम करेगा। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो बताती है कि जब जनता एकजुट होकर आवाज़ उठाती है, तो कोई भी व्यवस्था उसे नजरअंदाज नहीं कर सकती। यह जीत जरखा की है, पालीगंज की है — और सबसे बढ़कर, यह जीत जनता की है।