राजनीतिक स्थिति चाहे जो भी हो, हमारा सर्वोच्च कर्तव्य हमेशा जनता की सेवा और उनके अधिकारों की रक्षा करना रहा है। विपक्ष में रहते हुए भी हमने बिना किसी रोक-टोक के जनता के मुद्दों को आवाज़ दी और उनके हक़ की लड़ाई जारी रखी। जहाँ कहीं भी अन्य लोग चुप थे या दरकिनार कर रहे थे, हमने वहां से ही आवाज़ उठाकर न्याय दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया।
इस संघर्ष में हमने यह सिद्ध किया कि सत्ता में होना ही कामयाबी की गारंटी नहीं, बल्कि जनता के साथ जुड़ाव और उनके अधिकारों के लिए निरंतर प्रयास करना सबसे बड़ा बल है। जनता के विश्वास और समर्थन से ही हमें यह ताकत मिली कि हम उनके लिए जरूरी फैसले करा सके। यह सफर आसान नहीं था। कई बार बाधाएँ आईं, विरोध और असहमति का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारा दृढ़ विश्वास था कि जनता का अधिकार हर हाल में सुनिश्चित होना चाहिए।
हमारा उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि जनता को उनके अधिकारों से वंचित न रखा जाए, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो। यह प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत आज उनके अधिकारों की प्राप्ति के रूप में सफल हुई है। यही हमारा सच्चा सफर है — सत्ता से नहीं, जनता के लिए, जनता के साथ।