बिहार में उच्च शिक्षा को बड़ा झटका तब लगा जब NAAC (राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद) की शैक्षणिक मानकों से संबंधित शर्तों के चलते GC (University Grants Commission) द्वारा राज्य के सभी दूरस्थ शिक्षा केंद्रों और निदेशालयों को बंद कर दिया गया।
इस निर्णय ने न केवल हजारों छात्रों की शिक्षा को बाधित किया है, बल्कि इन केंद्रों में कार्यरत कर्मियों के भविष्य को भी संकट में डाल दिया है।
दूरदराज़ के क्षेत्रों के छात्र जो नियमित कॉलेज नहीं जा सकते थे, उनके लिए यह केंद्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने का एकमात्र सुलभ विकल्प थे। अब इनकी बंदी से शिक्षा की पहुंच सीमित हो गई है और राज्य में शैक्षणिक असमानता और भी बढ़ने की आशंका है।
यह मुद्दा अब केवल शैक्षणिक नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक भी बन चुका है, क्योंकि हजारों परिवार इससे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं। सरकार से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द ही इस पर कोई संवेदनशील और दूरदर्शी निर्णय लेगी ताकि छात्रों