पटना में TRE-3 भर्ती प्रक्रिया में न्याय की माँग कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया, जो निंदनीय है। 87,000 से अधिक पदों के लिए परीक्षा हुई थी, लेकिन केवल 51,000 परिणाम घोषित किए गए। शेष पदों पर जब BPSC पूरक परिणाम देने को तैयार है, तो सरकार की चुप्पी सवाल खड़े करती है। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा था।
युवाओं की जायज़ माँग को लाठी से दबाना लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करे और आंदोलनकारी युवाओं को न्याय दे।हाल ही में पटना में इन अभ्यर्थियों ने अपने अधिकारों और न्याय की माँग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया, लेकिन उनकी आवाज़ को सुनने की बजाय उन पर लाठीचार्ज किया गया।
सरकार का यह रवैया न केवल असंवेदनशील है, बल्कि युवाओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन भी है। यह मुद्दा अब सिर्फ TRE-3 के अभ्यर्थियों का नहीं, बल्कि पूरे राज्य के युवा वर्ग और शिक्षा व्यवस्था की साख से जुड़ा हुआ है। यदि योग्य अभ्यर्थियों को उनका हक नहीं मिला, तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक गलत संदेश होगा।अब समय आ गया है कि सरकार जल्द से जल्द BPSC TRE-3 का सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करे, और युवाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करे। लोकतंत्र में विरोध की आवाज़ को लाठियों से नहीं, संवाद और समाधान से दबाया जाना चाहिए।