बिहार के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में नाईट गार्ड की नियुक्ति को लेकर एक बड़ा भेदभाव सामने आया है। शिक्षा विभाग की नियमावली के अनुसार, सरकारी स्कूलों में बहाल नाईट गार्ड का वेतन केवल 5000 रुपये प्रति माह निर्धारित किया गया है, जबकि आउटसोर्सिंग एजेंसियों से नियुक्त नाईट गार्ड को 10000 रुपये प्रति माह तक वेतन दिया जाता है।
यह भेदभाव सवाल उठाता है कि क्यों सरकारी विभाग द्वारा नियुक्त गार्ड को कम वेतन दिया जा रहा है, जबकि आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से नियुक्त गार्ड को अधिक वेतन मिलता है।
इस मामले में भ्रष्टाचार के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से वेतन अधिक होने के बावजूद कर्मचारियों की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है।
इसके बावजूद, सरकार इस मुद्दे पर चुप्प है और इस भेदभावपूर्ण व्यवस्था को समाप्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। यह स्थिति शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है और यह सवाल खड़ा करती है कि आखिरकार सरकारी स्कूलों में काम करने वाले कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा क्यों नहीं की जा रही है।
अनुसार, सरकारी स्कूलों में नाईट गार्ड की नियुक्ति पर उन्हें महज 5000 रुपये का वेतन दिया जाता है, जबकि यही काम आउटसोर्सिंग एजेंसियों से नियुक्त गार्ड को 10000 रुपये का वेतन मिलता है।