TRE-4 शिक्षक बहाली प्रक्रिया में राज्य के हजारों योग्य और मेहनती युवाओं की उपेक्षा किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। जब परीक्षा बिहार में आयोजित हो रही है, नियुक्तियां बिहार सरकार के तहत होनी हैं, तो फिर बिहार के स्थानीय अभ्यर्थियों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही?डोमिसाइल नीति का लागू होना यह सुनिश्चित करेगा कि स्थानीय युवाओं को उनके अपने राज्य में रोजगार के अवसर मिलें, और प्रतिभा पलायन (brain drain) को रोका जा सके।
यह मांग केवल नौकरियों की नहीं, बल्कि न्याय, अधिकार और स्वाभिमान की है। दूसरे राज्यों से आकर बाहरी अभ्यर्थियों द्वारा स्थानीय युवाओं का अवसर छीना जाना बिहार के छात्रों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। बिहार के युवाओं ने वर्षों से मेहनत करके इस परीक्षा की तैयारी की है, और अब वे चाहते हैं कि उनकी योग्यता को उसी राज्य में मान्यता दी जाए जहां वे जन्मे और पले-बढ़े हैं।
बिहार के युवाओं के सामने एक बार फिर वही सवाल खड़ा हो गया है — क्या अपने ही राज्य में रोजगार का हक़ मांगना गलत है? TRE-4 यानी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के तहत जब परीक्षा बिहार में हो रही है, नियुक्तियां बिहार सरकार कर रही है, और स्कूल भी बिहार के हैं, तो फिर इन पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार के स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता क्यों नहीं दी जा रही बिहार के लाखों युवाओं ने वर्षों की मेहनत, समर्पण और सीमित संसाधनों के बावजूद इस परीक्षा की तैयारी की है।