पालीगंज इन दिनों जनआक्रोश का केंद्र बन चुका है। "स्मार्ट मीटर हटाओ, 2 लाख दिलाओ" के नारे लगाते हुए सैकड़ों लोगों ने सड़क पर उतरकर सरकार और बिजली विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह आंदोलन अचानक नहीं फूटा, बल्कि यह जनता के भीतर वर्षों से पल रहे गुस्से और असंतोष का विस्फोट था।
लोगों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर के माध्यम से बिजली उपभोक्ताओं को जबरन अधिक बिल थमाया जा रहा है। बिना उपभोग के भारी-भरकम बिल, मीटर की पारदर्शिता पर सवाल, और गरीब, मजदूर व निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों पर आर्थिक बोझ ने जनता को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा और पूरे क्षेत्र में जनांदोलन की चिंगारी फैलेगी। पालीगंज की यह जनगर्जना सिर्फ तकनीकी गड़बड़ियों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह जनहित, पारदर्शिता और जवाबदेही की माँग है। लोगों का स्पष्ट कहना है कि स्मार्ट तकनीक जनता की सुविधा के लिए होनी चाहिए, शोषण के लिए नहीं।