बिहार के उच्च शिक्षा के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज पटना के आइएमए हॉल में बिहार प्रोग्रेसिव यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (BPUTA) का स्थापना सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में पटना, पाटलिपुत्र, मगध, वीर कुंवर सिंह, एलएनएमयू, जेपी और मुंगेर सहित कई विश्वविद्यालयों के शिक्षकों ने भाग लिया।
स्थापना सम्मेलन में माले विधायक डॉ. संदीप सौरभ को संगठन का प्रमुख संरक्षक चुना गया। इसके अलावा, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के हेमंत कुमार झा को अध्यक्ष, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. चिंटू को सचिव, मुजफ्फरपुर के आतिफ रब्बानी को उपाध्यक्ष, बेगूसराय के अभिषेक कुंदन को सहसचिव, और साइंस कॉलेज के प्रोफेसर शोभन चक्रवर्ती को कोषाध्यक्ष चुना गया।
21 सदस्यों की राज्य कार्यकारिणी में अन्य सदस्यों के रूप में आकाश कुमार, रेणु चौधरी, रहमत युनुस, दिव्यानंद, जितेंद्र कुमार, हुमायुं अख्तर, अजेय कुमार, पवन कुमार प्रभाकर, शशिकांत प्रसाद, नौशाद आलम, रविरंजन, सुशांत, और रंजना यादव शामिल हैं।
डॉ. संदीप सौरभ ने कहा, "उच्च शिक्षा की बदहाल स्थिति, प्रशासन की मनमानी, और शिक्षकों की अधिकारहीनता के मद्देनजर इस संगठन की स्थापना की जा रही है।" उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि विश्वविद्यालयों में जड़ता टूटे और पठन-पाठन का माहौल बने।
सौरभ ने बताया कि उन्होंने विधानसभा के भीतर शिक्षकों की समस्याओं को उठाया है, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर है कि एक कारगर शिक्षक संगठन के बिना बहुत कुछ संभव नहीं है। "नए शिक्षक, जो बड़ी उम्मीदों के साथ बिहार आए थे, खराब शैक्षणिक स्थितियों के कारण गंभीर निराशा का सामना कर रहे हैं।"
सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन की मनमानी, कुलपति नियुक्ति में मानकों का उल्लंघन, और महिला शिक्षिकाओं के लिए विशेष सुविधाओं की कमी जैसी समस्याओं पर चिंता व्यक्त की। डॉ. विद्यार्थी विकास ने केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा शिक्षा को बर्बाद करने की प्रक्रिया पर अपने विचार साझा किए।
सभी शिक्षकों ने एकजुट होकर इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में सुधार के लिए बीपूटा का गठन किया है, और उम्मीद जताई है कि यह संगठन शिक्षा की बदहाल स्थिति में बदलाव लाने का वाहक बनेगा। इस सम्मेलन में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों ने सकारात्मक हस्तक्षेप के उपकरण के रूप में शिक्षक संगठन के निर्माण पर जोर दिया, ताकि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा मिल सके।