बिहार विधानसभा में आज पुस्तकालय समिति की एक अहम विभागीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें विधायक डॉ. संदीप सौरभ समेत शिक्षा विभाग, पुस्तकालय निदेशालय, पंचायती राज विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि लाइब्रेरियन की बहाली के लिए नियमावली को अंतिम रूप देने हेतु शिक्षा विभाग ने दो महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। यह बेहद चिंताजनक है कि पिछले 16 वर्षों से बिहार में लाइब्रेरियन की नियुक्ति नहीं हुई है। नियमावली को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट द्वारा विमर्श की प्रक्रिया अभी जारी है।
जिन प्रमंडलों, जिलों और अनुमंडलों में पुस्तकालय उपलब्ध नहीं हैं, वहाँ के संबंधित विधायकों को भूमि चयन करने हेतु पत्र भेजा गया है। भूमि चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद वहाँ पुस्तकालय निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा।
बैठक में पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया गया कि पंचायत स्तर पर पुस्तकालय स्थापना की अद्यतन स्थिति जल्द से जल्द समिति को प्रस्तुत की जाए। इससे ग्रामीण स्तर पर शिक्षा और ज्ञान का प्रचार-प्रसार तेज़ी से हो सकेगा।
पटना स्थित सिन्हा लाइब्रेरी के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी तेज़ी से चल रही है। लाइब्रेरी के कर्मियों को राज्यकर्मी बनाए जाने की दिशा में कार्य हो रहा है। यह कदम पुस्तकालय सेवाओं में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है।
डॉ. संदीप सौरभ ने कहा कि बिहार में पुस्तकालय संस्कृति को मज़बूत करने और इसे जन-जन तक पहुँचाने के लिए सरकार का प्रयास लगातार जारी रहेगा। पुस्तकालयों के सुदृढ़ीकरण से समाज में शिक्षा और जागरूकता का विस्तार होगा।
यह बैठक बिहार में पुस्तकालयों की वर्तमान स्थिति को सुधारने और इन्हें व्यापक रूप से विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार और संबंधित विभागों का यह प्रयास राज्य की शैक्षिक और सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाएगा।