बिहार विधानसभा की पुस्तकालय समिति का दौरा आज बेगूसराय में संपन्न हुआ, जिसमें विश्वबंधु पुस्तकालय का निरीक्षण किया गया। यह पुस्तकालय पिछले 70 वर्षों से स्थानीय लोगों के प्रयासों से बग़ैर किसी सरकारी सहयोग के सफलतापूर्वक संचालित हो रहा है। विधायक डॉ. संदीप सौरभ के नेतृत्व में आयोजित इस दौरे के दौरान समिति ने पुस्तकालय की सुविधाओं और उसके विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार किया।
दौरे के दौरान, समिति ने स्थानीय निवासियों के सतत प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इस पुस्तकालय को एक महत्वपूर्ण ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित किया है। विधायक डॉ. संदीप सौरभ ने बताया, "यह पुस्तकालय केवल एक भवन नहीं है, बल्कि यह ज्ञान और संस्कृति का प्रतीक है। हमें गर्व है कि स्थानीय समुदाय ने इसे इतनी मेहनत से चलाया है।"
समिति ने पुस्तकालय की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद इसे और बेहतर बनाने के लिए सरकार को अनुशंसा करने का निर्णय लिया। डॉ. सौरभ ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि इस पुस्तकालय को आधुनिक सुविधाएं और संसाधन प्रदान किए जाएं ताकि यह क्षेत्र के लोगों के लिए और अधिक सुलभ हो सके।"
इसके अलावा, समिति ने शिक्षा विभाग समेत कई अन्य विभागों के ज़िला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता और पुस्तकालयों की भूमिका पर चर्चा की गई। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि पुस्तकालयों को सक्रिय और संसाधन संपन्न बनाना जरूरी है, ताकि वे छात्रों और आम जनता के लिए ज्ञान का एक सशक्त स्रोत बन सकें।
डॉ. संदीप सौरभ ने कहा, "यह दौरा हमें एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है कि हम शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिए ठोस कदम उठा सकें। हमें उम्मीद है कि हमारी अनुशंसा के बाद सरकार इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएगी।"
इस प्रकार, बेगूसराय का विश्वबंधु पुस्तकालय न केवल स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण ज्ञान केंद्र है, बल्कि यह सरकार की नीतियों और योजनाओं में सुधार लाने की दिशा में एक प्रतीक भी बनता जा रहा है। पुस्तकालय समिति का यह दौरा न केवल पुस्तकालय के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सभी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों के लिए एक सकारात्मक संकेत है कि सरकार शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सुधार के प्रति गंभीर है।