28 सितंबर की आधी रात को कोसी नदी का बांध भभौल गाँव के पास टूटने से दरभंगा के कई गाँव बाढ़ की चपेट में आ गए। इस भीषण बाढ़ ने स्थानीय लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है, और विधायक डॉ. संदीप सौरभ ने भाकपा माले की एक टीम के साथ इस क्षेत्र का दौरा किया। इस टीम में पार्टी महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, शशि यादव, धीरेंद्र झा, संतोष सहर, कुमार परवेज़, वैद्यनाथ यादव और अन्य साथी शामिल थे।
डॉ. सौरभ ने अपने दौरे के दौरान अनुभव किया कि लोग अब भी बाढ़ से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकारी मदद का कोई नामोनिशान नहीं था। ज़िला प्रशासन ने राहत कार्य के नाम पर 4 किमी दूर टेंट लगाकर केवल दिखावा किया है। स्थानीय लोग खुद ही राहत और बचाव के प्रयास कर रहे हैं, जबकि प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
सरकार की तरफ से केवल एक मेडिकल कैंप और कुछ नावें दिखीं, वो भी एक हफ्ते बाद। लोगों ने बताया कि कई ने निजी नावों का इंतजाम करके अपने परिजनों के शव निकाले। राहत शिविरों में बिजली और भोजन जैसी बुनियादी चीजों का अभाव है। शशि यादव ने दरभंगा डीएम से बात कर मदद की मांग की, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
डॉ संदीप सौरभ ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के प्रति सरकार की बेरुखी को देखते हुए सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की है कि कोई मंत्री, विधायक या सांसद पीड़ितों से मिलने तक नहीं आया। यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी राष्ट्रीय राजमार्ग से वापस भेज दिया गया। बाढ़ जैसी आपदा पर ध्यान देने के बजाय सरकार 2025 के चुनावों की तैयारियों में व्यस्त है।
जब सरकार पूरी तरह विफल हो जाती है, तो यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम बाढ़ पीड़ितों के साथ खड़े हों। AISA, RYA और स्थानीय संगठनों ने राहत कार्य शुरू किया है, और हम सबको मिलकर इस आपदा में लोगों की मदद करनी चाहिए और सरकार से जवाबदेही तय करनी होगी।
इस कठिन समय में, यह हम सभी की नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हम पीड़ितों की सहायता करें और सुनिश्चित करें कि उन्हें आवश्यक मदद मिले। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों में सहयोग देना हमारे सामाजिक दायित्व का हिस्सा है।