कल रात दुल्हिनबाज़ार प्रखंड के सदावह डोरवां पंचायत अंतर्गत खपुरी गाँव में ग्रामीणों द्वारा आयोजित पारंपरिक चइता कार्यक्रम का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला।
गाँव के साथी-संगठकों और संस्कृति प्रेमियों के साथ बैठकर इस लोक-परंपरा की मिठास को करीब से महसूस किया।
चइता सिर्फ एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि यह गाँव की आत्मा, सामूहिकता और स्मृति का उत्सव है। ढोल-मांदर की थाप, लोकगीतों की गूँज और लोगों की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि हमारी लोकसंस्कृति आज भी जीवंत है – लोगों के दिलों में धड़कती हुई।
ऐसे आयोजनों से ना केवल हमारे सामाजिक संबंध मज़बूत होते हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत भी अगली पीढ़ियों तक गर्व के साथ पहुँचती है।
खपुरी गाँव के सभी साथियों को इस सुंदर आयोजन के लिए दिल से बधाई और आभार।