पालीगंज की जीविका दीदियों ने आज एकजुट होकर अपने हक और सम्मान के लिए सड़कों पर उतरकर एक सशक्त आंदोलन किया। ये दीदियाँ हमारे गाँवों की आर्थिक गतिविधियों की असली नायक हैं, जो आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन चुकी हैं।
वेतन वृद्धि, पहचान पत्र जारी करने, सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक कार्य स्थितियों जैसी बुनियादी मांगों को लेकर उन्होंने जो आवाज़ उठाई, वह सिर्फ उनका अधिकार है — कोई भीख नहीं। यह आंदोलन एक स्पष्ट संदेश है कि अब दीदियाँ अपने हक के लिए पीछे नहीं हटेंगी, और जब तक न्याय नहीं मिलेगा, यह लड़ाई जारी रहेगी।
हमने उनके संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया और सरकार से साफ शब्दों में कहा: अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो यह आंदोलन और तेज़ होगा।यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि महिलाओं की आवाज़, आत्मसम्मान और सामाजिक न्याय की पुकार है। हम सभी को इस लड़ाई में जीविका दीदियों के साथ मजबूती से खड़ा रहना होगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक न्यायपूर्ण और समान समाज मिल सके।