पालीगंज से शुरू हुई आवाज़ अब पूरे बिहार में गूंज रही है — हर प्रखंड में डिग्री कॉलेज की स्थापना की माँग को लेकर छात्र-युवा और जागरूक नागरिक एकजुट होकर शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में उच्च शिक्षा की पहुँच आज भी एक सपना बनी हुई है, जिससे हजारों विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक जाता है। पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में भी वर्षों से डिग्री कॉलेज की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या रही है, जिसे लेकर अब जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज़मीनी स्तर पर पहल तेज़ कर दी है।
पालीगंज विधानसभा क्षेत्र इस मुद्दे का प्रतीक बनकर उभरा है, जहाँ वर्षों से डिग्री कॉलेज की कमी एक ज्वलंत समस्या बनी हुई है। अब यह माँग केवल एक प्रखंड या क्षेत्र तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह एक राज्यव्यापी आंदोलन का रूप ले चुकी है। यह आंदोलन केवल शिक्षा के बुनियादी ढांचे की मांग नहीं कर रहा, बल्कि यह युवाओं के भविष्य, अवसर की समानता और सामाजिक न्याय की माँग भी कर रहा है।
लोगों की यह स्पष्ट मांग है कि शिक्षा को विशेषाधिकार नहीं, बल्कि एक मौलिक अधिकार के रूप में लागू किया जाए। जब तक हर प्रखंड में उच्च शिक्षा की सुविधा नहीं होगी, तब तक राज्य का समग्र विकास अधूरा रहेगा। शिक्षा से वंचित रह जाना सिर्फ एक छात्र की समस्या नहीं, बल्कि यह समाज और राज्य की भी विफलता है। पालीगंज से शुरू हुआ यह संघर्ष अब पूरे बिहार में उम्मीद की लौ बन चुका है।