नवादा जिले के मोतनाजे और मधुवन गाँव में जलाशय निर्माण के नाम पर 1500 से अधिक दलित-पिछड़ा परिवारों का जबरन विस्थापन किया जा रहा है। डॉ. संदीप सौरभ ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए सरकार से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना उचित पुनर्वास और मुआवजा दिए गरीब परिवारों को उखाड़ फेंकना अमानवीय और अन्यायपूर्ण है। विस्थापित परिवार अपने जीवनयापन के साधनों और घरों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि वे प्रभावित परिवारों के अधिकारों की रक्षा करें और उनके लिए न्यायसंगत समाधान निकालें।