पटना के गर्दनीबाग में विशेष सर्वेक्षण कर्मियों, संविदा कर्मियों और अभियंताओं ने एकजुट होकर बड़ा आंदोलन किया। यह आंदोलन केवल रोजगार पाने का सवाल नहीं है, बल्कि सम्मान, अधिकार और हक की लड़ाई बन चुका है। वर्षों से संविदा और अनुबंध की व्यवस्था में फँसे इन कर्मियों को न तो स्थायी नौकरी का दर्जा मिला और न ही उन्हें समय पर वेतन व आवश्यक सुविधाएँ। कर्मियों का कहना है कि सरकार बार-बार युवाओं को छल रही है।
एनडीए सरकार ने आंदोलन में शामिल 256 कर्मियों को निलंबित कर तानाशाही रवैया अपनाया है। लेकिन आंदोलनरत कर्मियों ने साफ कहा है कि वे डरने वाले नहीं हैं, क्योंकि यह सिर्फ रोजगार का प्रश्न नहीं बल्कि सम्मान और अधिकार की लड़ाई है। उनकी आवाज़ अब राज्यभर के युवाओं की आवाज़ बन चुकी है। संदेश साफ है
पटना के गर्दनीबाग में चल रहा विशेष सर्वेक्षण कर्मियों और अभियंताओं का आंदोलन अब राज्य की राजनीति और समाज का बड़ा मुद्दा बन चुका है। यह संघर्ष केवल नौकरी की मांग भर नहीं है, बल्कि यह असमानता, शोषण और अन्याय के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई है। कभी ठेका, कभी अनुबंध और कभी असुरक्षित रोजगार व्यवस्था थोपकर उन्हें लगातार असुरक्षा और असमानता में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।