भाकपा (माले) ने मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड स्थित जगन्नाथपुर गांव की 10 वर्षीय दलित नाबालिग बच्ची के साथ हुई बर्बर यौन हिंसा और इलाज में हुई घोर लापरवाही के कारण हुई उसकी दर्दनाक मृत्यु को लेकर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। यह घटना न सिर्फ बिहार की चरमराती कानून-व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य प्रणाली की असंवेदनशीलता और अमानवीयता को भी उजागर करती है।
भाकपा (माले) के राज्य सचिव का. कुणाल ने स्पष्ट रूप से इसे राज्य सरकार की दोहरी विफलता बताया — पहली, एक मासूम बच्ची की सुरक्षा करने में विफलता; और दूसरी, गंभीर स्थिति में समय पर इलाज उपलब्ध न करा पाने की आपराधिक लापरवाही। उन्होंने मांग की कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को इस शर्मनाक विफलता की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल पीएमसीएच गरीबों,
आज भाकपा (माले) और ऐपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ) का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल पीड़िता के गांव पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल में विधायक का. गोपाल रविदास, ऐपवा की राज्य सचिव का. अनिता सिन्हा, पूर्व विधायक का. मनोज मंजिल, सूरज कुमार सिंह, रानी प्रसाद, विमलेश मिश्रा, परशुराम पाठक और फहद जमा शामिल थे। इस टीम ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उन्हें न्याय की लड़ाई में हर संभव साथ देने का आश्वासन दिया।