पालीगंज विधानसभा क्षेत्र में स्थित गोपाल नारायण सार्वजनिक पुस्तकालय, भरतपुरा में आज प्रबुद्ध जनों एवं क्षेत्रीय नागरिकों के साथ एक सार्थक संवाद का अवसर प्राप्त हुआ। यह केवल एक सामान्य बैठक नहीं थी, बल्कि विचारों के आदान-प्रदान, सामाजिक चेतना के विस्तार और सांस्कृतिक मूल्यों के पुनर्स्थापन का एक प्रेरक क्षण था।
पुस्तकालयों की भूमिका केवल ज्ञान के संग्रहालय की नहीं होती, बल्कि वे समाज में विचारों के प्रवाह, शिक्षित नागरिकों के निर्माण और लोकतांत्रिक विमर्श के केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। आज की इस बैठक ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज के जागरूक नागरिक एक मंच पर एकत्र होते हैं, तो वहाँ से केवल चर्चा नहीं, बल्कि दिशा निकलती है — विकास की, जागरूकता की और समृद्धि की।
पालीगंज को एक पढ़ता हुआ, सोचता हुआ और प्रगतिशील विधानसभा क्षेत्र बनाने के हमारे संकल्प को इस कार्यक्रम ने और अधिक दृढ़ता प्रदान की। शिक्षा, संस्कृति और संवाद — यही वे तीन स्तंभ हैं, जिन पर किसी भी समाज की स्थायी प्रगति संभव है। यही हमारी प्रतिबद्धता है, और यही हमारी विकास यात्रा का मूल आधार भी।