आज महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर हम बापू को नमन करते हैं, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व को एक नई दिशा दी। उनका जीवन और विचार हमें सिखाते हैं कि बिना हिंसा के, सिर्फ सत्य के बल पर भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। गांधीजी ने सामाजिक असमानता, अन्याय और शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाई और गरीबों, मजदूरों और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
गांधीजी का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। वर्तमान दौर में जब समाज में भ्रष्टाचार, अमीरी-गरीबी का अंतर और सामाजिक भेदभाव बढ़ता जा रहा है, तब उनके बताए मार्ग पर चलना और उनकी शिक्षाओं को अपनाना आवश्यक हो जाता है।
हमें महात्मा गांधी के आदर्शों को न केवल याद रखना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने जीवन में भी उतारना चाहिए। उनकी अहिंसा और सत्याग्रह की नीति हमें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर सही मार्ग दिखाती है। गांधीजी के दिखाए रास्ते पर चलकर ही हम एक मजबूत, समृद्ध और न्यायसंगत भारत का निर्माण कर सकते हैं, जहां हर व्यक्ति को सम्मान और अधिकार मिले।