पालीगंज प्रखंड के सीही तकिया गाँव में हाल ही में घटित एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को गहरे शोक और आक्रोश में डुबो दिया। एक निर्दोष युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया, बल्कि गाँव की आत्मा को भी झकझोर दिया है। पीड़ित परिवार की हालत अत्यंत दयनीय है — आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे, और न्याय की आस दिन-ब-दिन धुंधली होती जा रही है।
इस त्रासदी के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय संगठनों का एक दल शोक-संतप्त परिवार से मिलने पहुँचा। यह मुलाक़ात सिर्फ संवेदना प्रकट करने की औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक स्पष्ट न्याय की माँग और सामाजिक चेतना के पुनर्जागरण का आह्वान भी थी।
परिवार ने घटना की विस्तार से जानकारी दी, जिसमें कई चौंकाने वाले सवाल और प्रशासन की निष्क्रियता सामने आई। उन्होंने आरोप लगाया कि अब तक न तो पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई की है, और न ही स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाई है।माँ के आँसू, पिता की चुप्पी, और छोटे बच्चों की डरी हुई आँखें — ये सब गवाही दे रहे थे कि यह सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था की नाकामी है।