अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण फंड पर विधानसभा में सवाल विधानसभा के हालिया सत्र के दौरान अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) कल्याण फंड के उपयोग और पारदर्शिता को लेकर कई सवाल उठाए गए, जिसने सरकार की नीतियों और क्रियान्वयन की प्रक्रिया पर गहन चर्चा को जन्म दिया। विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि इस फंड का उपयोग न तो योजनाबद्ध तरीके से किया जा रहा है और न ही इसका लाभ वास्तव में ज़रूरतमंद समुदायों तक पहुँच पा रहा है।
विधायकों ने सदन में यह भी सवाल किया कि आखिर सरकार द्वारा निर्धारित बजट राशि का कितना प्रतिशत धरातल पर उपयोग हुआ है और कितनी राशि अब तक खर्च ही नहीं की गई। कुछ सदस्यों ने यह मुद्दा भी उठाया कि कई जिलों में योजनाएँ कागज़ों तक ही सीमित हैं और लाभार्थियों को अपेक्षित सहायता नहीं मिल रही।
वहीं, सरकार की ओर से जवाब देते हुए संबंधित मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति समुदायों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभिन्न योजनाओं जैसे छात्रवृत्ति, छात्रावास निर्माण, स्वरोजगार प्रशिक्षण और आवास योजनाओं का उल्लेख किया और कहा कि फंड के उपयोग में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग और नियमित ऑडिट की व्यवस्था की जा रही है।