सुप्रीम कोर्ट द्वारा वक़्फ़ संशोधन क़ानून पर लगाई गई रोक मोदी सरकार के लिए सिर्फ़ एक कानूनी झटका नहीं, बल्कि एक गहरी नैतिक पराजय है। जब संसद और सरकार संविधान की शपथ लेने के बावजूद ऐसे कानून बनाते हैं जो उसकी मूल आत्मा के विरुद्ध हों, तब न्यायपालिका का कर्तव्य बनता है कि वह संविधान की रक्षा करे — और यही दायित्व सुप्रीम कोर्ट ने निभाया है।
लेकिन सत्ता के अहंकार में डूबी भाजपा अब न्यायपालिका पर सीधा हमला कर रही है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का यह बयान कि देश में गृहयुद्ध के लिए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ज़िम्मेदार होंगे, न सिर्फ़ अत्यंत आपत्तिजनक है, बल्कि यह सुप्रीम कोर्ट को धमकाने और लोकतंत्र की आधारशिला को हिलाने की साज़िश है।
डॉ. संदीप सौरव ने वक़्फ़ संशोधन क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट की रोक का स्वागत करते हुए इसे मोदी सरकार की नैतिक और कानूनी पराजय करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारतीय जनता पार्टी (BJP) की धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति और असंवैधानिक क़ानून बनाने की प्रवृत्ति पर करारा प्रहार है।