नालंदा लोकसभा क्षेत्र में जनता की सबसे बड़ी चिंताएं शिक्षा, रोजगार और महंगाई से जुड़ी हुई हैं। यहां के युवा बेहतर शिक्षा व्यवस्था और स्वरोजगार के अवसरों की मांग कर रहे हैं, जबकि आम लोग लगातार बढ़ती महंगाई से परेशान हैं।
नालंदा लोकसभा क्षेत्र, जो ऐतिहासिक और शैक्षिक दृष्टिकोण से देशभर में विशेष पहचान रखता है, आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। यहां की सबसे बड़ी प्राथमिकताएं हैं — शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन, और लगातार बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण।
शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा जैसे ऐतिहासिक स्थान पर भी उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं का अभाव साफ दिखता है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में संसाधनों की कमी, शिक्षक नियुक्ति में देरी और पाठ्यक्रमों की अद्यतन स्थिति ने युवाओं के भविष्य को प्रभावित किया है।
रोजगार की बात करें तो नालंदा के हजारों युवा आज भी पलायन करने को मजबूर हैं क्योंकि स्थानीय स्तर पर रोजगार की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कृषि और छोटे उद्योगों को प्रोत्साहन नहीं मिलने से स्वरोजगार की संभावनाएं भी सीमित हो गई हैं।
वहीं महंगाई ने आम परिवार की आर्थिक स्थिति को डगमगा दिया है। जरूरी वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे मध्यम और निम्न वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है।