जनता अब जुमलों और दिखावे की राजनीति को भली-भांति समझ चुकी है। पहले जब 200 यूनिट मुफ्त बिजली की माँग उठी थी, तब सरकार ने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया था। लेकिन अब, चुनाव नज़दीक आते ही उसी सरकार ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली का आधा-अधूरा वादा कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की है। यह सिर्फ़ एक चुनावी चाल है, न कि जनहित की ईमानदार नीति।
महागठबंधन ने पहले ही स्पष्ट किया है कि सत्ता में आते ही प्रदेश के सभी परिवारों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। यह कोई जुमला नहीं, बल्कि एक ठोस और व्यवहारिक योजना है जो जनता के आर्थिक बोझ को कम करने के लिए बनाई गई है।अब समय आ गया है कि जनता झूठे वादों और छल से ऊपर उठकर अपने हक़ की मांग करे – "125 यूनिट का छल नहीं, 200 यूनिट का हल चाहिए!"
यह वही सरकार है जो पहले लोगों की जरूरतों को नज़रअंदाज़ कर रही थी, और अब जब सत्ता का समय घट रहा है, तो जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। यह 125 यूनिट की घोषणा कोई नीति नहीं, बल्कि एक चुनावी जुमला है – जनता को अल्पकालिक लाभ दिखाकर असली मांगों से भटकाने की रणनीति।