वोटबंदी नहीं चलेगी: मताधिकार पर हमले के खिलाफ जनआवाज़" केवल एक नारा नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र की आत्मा को बचाने की हुंकार है। देश के सबसे बड़े लोकतांत्रिक अधिकार — मतदान का अधिकार — पर जब हमले होने लगे, जब सत्ता में बैठी ताक़तें जनमत को कमजोर करने की कोशिश करने लगें, तब जनता का सड़कों पर उतरना अनिवार्य हो जाता है।
बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान के नाम पर चुनाव आयोग द्वारा बड़े पैमाने पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, मजदूरों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की आशंका ने पूरे राज्य में चिंता की लहर पैदा कर दी है। इस आशंका को विपक्ष ने "वोटबंदी" की संज्ञा दी है
इस कथित साजिश के खिलाफ INDIA गठबंधन ने आवाज़ बुलंद की है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, दीपंकर भट्टाचार्य, डी. राजा, मुकेश सहनी और अन्य नेताओं ने इसे केवल एक चुनावी मुद्दा नहीं, बल्कि संविधान, समानता और न्याय के मूलभूत सिद्धांतों पर हमला करार दिया है।