पालीगंज प्रखंड के मसौढा चौकी गाँव में हाल ही में एक शानदार सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसने पूरे क्षेत्र में एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार कर दिया। यह कार्यक्रम न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम था, बल्कि इसकी गहराई में सामाजिक एकता, सांस्कृतिक जागरूकता और लोक परंपराओं के संरक्षण की भावना भी निहित थी।
गाँव की खुली फिज़ाओं में, ग्रामीणों की भागीदारी से सजी इस संध्या ने यह साबित कर दिया कि आज भी गाँवों में कला, संस्कृति और सामाजिक सरोकारों के लिए गहरी समझ और सम्मान मौजूद है।कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक भोजपुरी लोकगीतों से हुई। ढोलक, मंजीरा, हारमोनियम की धुन पर गाए गए गीतों ने दर्शकों को अपने ग्रामीण अतीत और सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ दिया।
बच्चों और युवाओं द्वारा प्रस्तुत झूमर, भवाई, एवं फगुआ नृत्य ने समां बाँध दिया। स्थानीय युवाओं द्वारा तैयार किए गए नाटकों ने सामाजिक मुद्दों जैसे कि बाल विवाह, शिक्षा की महत्ता, नशा उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर प्रभावशाली प्रस्तुति दी। नाटकों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ जागरूकता का संदेश भी दिया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।