पालीगंज प्रखंड के सिगोड़ी थाना अंतर्गत करहरा और ढिबरा गाँव में हाल ही में हुई पुलिस अत्याचार की घटना के बाद, कल इन गाँवों का दौरा कर पीड़ित परिवारों और ग्रामीणों से मुलाक़ात की गई। शुरुआती प्रयासों में पुलिस के दमन को रोकने हेतु थाना और वरीय पुलिस पदाधिकारियों से फ़ोन पर बात की गई थी, लेकिन तीन दिनों तक लगातार उत्पीड़न जारी रहा। महिलाओं, बुजुर्गों और निर्दोष ग्रामीणों के साथ की गई बर्बरता—घर के दरवाज़े तोड़ना, जबरन पीटना, और दर्जनों ग्रामीणों को गिरफ्तार कर पैसे लेकर छोड़ना—नीतीश सरकार की पुलिस की अमानवीयता और भ्रष्टाचार का प्रतीक है। स्थानीय बालू माफियाओं और असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर चलाए गए इस दमनचक्र के खिलाफ आज विधानसभा में कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई गई है, ताकि दोषियों पर सख्त कदम उठाया जा सके और पीड़ितों को न्याय मिले। जनता की आवाज़ को अब कुचलना मुमकिन नहीं!