हाल ही में बिहार विधानसभा के सत्र में डोमिसाइल नीति को लेकर गहरी चर्चा और कड़ी बहस हुई। यह नीति मुख्य रूप से राज्य के युवाओं को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्राथमिकता देने के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई थी। लेकिन विपक्ष और कुछ विधायक इस नीति को लेकर कई सवाल उठा रहे हैं, जिनमें इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया, पारदर्शिता और युवाओं के हितों की सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंकाएं शामिल हैं।
विधायक दलों ने सरकार से पूछा कि इस नीति के तहत किन-किन क्षेत्रों और वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी और इसे कैसे लागू किया जाएगा ताकि यह केवल कागजी नीति न रह जाए। कई सदस्यों ने यह भी सवाल किया कि क्या इस नीति से बाहरी उम्मीदवारों के अधिकारों का हनन तो नहीं होगा। साथ ही, नीति के तकनीकी पहलुओं और कानूनी जटिलताओं को लेकर भी कई चर्चाएं हुईं।