अंबेडकर जयंती केवल एक जन्मदिन नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र के मूल्यों की पुनः स्मृति का दिन है। इस अवसर पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों को आत्मसात कर उन्हें जीवन में उतारने का संकल्प लिया गया। पालीगंज विधानसभा के विभिन्न गांवों में आयोजित कार्यक्रमों में भागीदारी कर ग्रामीणों के साथ संविधान, अधिकारों और सामाजिक समरसता पर चर्चा की गई। आज जब देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर चुनौतियाँ खड़ी हो रही हैं, ऐसे में बाबा साहब की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाना और उनके बताए रास्ते पर चलना पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।भारतरत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती केवल उनके जन्म का उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन सामाजिक न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूल्यों की पुनः स्थापना का प्रतीक है। यह दिन हमें उनके महान विचारों, संघर्षों और दूरदृष्टि की याद दिलाता है, जिन्होंने भारत को एक प्रगतिशील, समावेशी और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।इस वर्ष, पालीगंज विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गाँवों—जैसे लाला भदसारा, बड़की खरमा, अमरपुरा, और नदहरी में आयोजित अंबेडकर जयंती कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ। ग्रामीणों के साथ मिलकर बाबा साहब के जीवन, उनके विचारों और उनके द्वारा रचित संविधान पर चर्चा हुई। Dr Sandeep Saurav