विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मी और अभियंता संघ ने अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। लंबे समय से नियमितीकरण, मानदेय में बढ़ोतरी, नौकरी की स्थायित्व और कार्य परिस्थितियों में सुधार की मांग उठाई जा रही थी, लेकिन सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण संविदा कर्मियों और अभियंताओं का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
संघ का कहना है कि संविदा पर कार्यरत हजारों कर्मचारी वर्षों से सेवा दे रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो स्थायी नौकरी का दर्जा दिया गया है और न ही उनके पारिश्रमिक और सुविधाओं में उचित सुधार किया गया है। यह स्थिति न केवल उनके भविष्य को असुरक्षित बना रही है, बल्कि उनके परिवारों के जीवन पर भी गहरा असर डाल रही है।
आंदोलन के दौरान संघ ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तब तक आंदोलन और अधिक व्यापक एवं तीव्र किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ही सकारात्मक पहल नहीं की, तो वे चरणबद्ध तरीके से राज्यव्यापी हड़ताल और प्रदर्शन का सहारा लेंगे।