भूमि सुधार कर्मचारियों की जायज़ मांगों के समर्थन में हमारी मज़बूत एकजुटता—गृह ज़िले में स्थानांतरण, वेतनमान सुधार और अधिकारों के लिए संघर्षरत राजस्व कर्मचारी बड़ी संख्या में 2 मार्च के 'बदलो बिहार महाजुटान' में होंगे शामिल!
आज पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित आंदोलन में भाग लेकर हमने उन सैकड़ों कर्मचारियों के संघर्ष के प्रति अपनी मज़बूत एकजुटता प्रकट की, जो वर्षों से अपने अधिकारों, सम्मानजनक कार्य स्थितियों और बुनियादी मांगों को लेकर लड़ रहे हैं। यह सिर्फ किसी एक विभाग का मामला नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक प्रशासनिक न्याय और श्रम अधिकारों का सवाल है।
भूमि सुधार विभाग से जुड़े ये कर्मचारी राज्य के कोने-कोने में जनता से सीधे जुड़कर ज़मीन, रजिस्ट्रेशन, सर्वे, और अन्य राजस्व से संबंधित कार्यों को अंजाम देते हैं। इसके बावजूद इन्हें अपने गृह ज़िले में स्थानांतरण, उचित वेतनमान, सेवा की स्थिरता, और समान काम के लिए समान वेतन जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।
आज पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर चल रहे बिहार राज्य भूमि सुधार कर्मचारी संघ के आंदोलन में शामिल होकर हमने उनकी आवाज़ को मजबूती देने का प्रयास किया। यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण था, लेकिन उसकी मांगें बेहद ठोस और ज़मीनी थीं—कर्मचारियों का गृह ज़िले में स्थानांतरण, वेतनमान में संशोधन, और न्यायोचित सेवा शर्तों की बहाली जैसी बुनियादी बातें, जो न केवल कर्मचारी हित में हैं बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली को भी अधिक प्रभावशाली बना सकती हैं।
इस संघर्ष को केवल एक विभागीय मामला समझना भूल होगी—यह एक सिस्टम में इंसाफ और गरिमा की लड़ाई है। जो कर्मचारी ज़मीन पर जनता के सबसे नज़दीक काम करते हैं, उनका सम्मान और अधिकार सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है? Dr. Sandeep Saurav