डोमिसाइल अधिकार को लेकर वर्षों से चल रहा संघर्ष अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है। इस मुद्दे पर युवाओं, छात्रों और आम जनता के बीच भारी जागरूकता बनी और उनके हक के लिए आवाज बुलंद हुई। डोमिसाइल प्रमाण पत्र एक ऐसा दस्तावेज़ है जो लोगों को सरकारी सेवाओं, नौकरियों और शिक्षा के अवसरों से जोड़ता है।
महागठबंधन ने इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाया। उन्होंने न केवल विधानसभा और संसद में जोरदार आवाज़ उठाई, बल्कि धरनों, मार्चों और जनसभाओं के माध्यम से भी जनता का समर्थन जुटाया। इस संघर्ष में कई बार विपक्ष के साथ मिलकर आंदोलन किया गया और सरकार को जवाबदेह ठहराया गया। इस सक्रिय और संगठित प्रयास ने अंततः सरकार को डोमिसाइल प्रक्रिया को सरल बनाने और संबंधित नियमों में बदलाव करने के लिए मजबूर कर दिया।
यह सफलता महागठबंधन के लिए केवल एक राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि जनसेवा और न्याय की प्रतिबद्धता का प्रमाण भी है। डोमिसाइल अधिकारों के सशक्तिकरण से अब हजारों युवा और परिवार सरकारी योजनाओं और रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकेंगे। यह संघर्ष इस बात की याद दिलाता है कि जब सत्ता लड़ाई जारी रखने का वचन देता है।