नीतीश सरकार पर लगातार वादाखिलाफी के आरोप लगते रहे हैं, खासकर उन योजनाओं और वादों के संदर्भ में जो सीधे बच्चों और उनके पोषण से जुड़े हैं। रसोइयों, जो स्कूलों में बच्चों को भोजन उपलब्ध कराते हैं, उनकी मांगे लंबे समय से अनसुनी रह गई हैं। यह स्थिति न केवल उनके सम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि बच्चों के सही पोषण और शिक्षा के अधिकार को भी प्रभावित करती है।
अब समय आ गया है कि नीतीश सरकार को उनके वादों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाए और रसोइयों को उनका उचित सम्मान वापस दिलाया जाए। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर इन रसोइयों की मांगों को पूरा किया जाएगा ताकि बच्चों की भूख मिटाने वाले इन अमूल्य कर्मियों को वह सम्मान और सुविधाएं मिल सकें, जिसके वे हकदार हैं। यह कदम समाज में न्याय और समर्पण की भावना को पुनः स्थापित करेगा।
रसोई कर्मचारी न केवल भोजन बनाने वाले होते हैं, बल्कि वे बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के संरक्षक भी हैं। उनके बिना बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य की कल्पना करना मुश्किल है। इसीलिए, अब समय आ गया है कि नीतीश सरकार को उसकी वादाखिलाफी के लिए जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का एहसास कराया जाए। इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। रसोइयों की मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उनका सम्मान वापस लौटेगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिलेगा।