दशहरे के दिन एक परिवार में हुई दर्दनाक मौत initially फूड पॉइज़निंग के कारण समझी जा रही थी, लेकिन सच्चाई कुछ और ही निकली। गाँव के निवासी भारत साव जी के दामाद नीरज साव (35 वर्ष) और उनके दो छोटे बेटे, निर्मल (9 वर्ष) और निर्भय (6 वर्ष), की मौत साँप के काटने के कारण हुई थी। यह घटना गाँव में गहरा सदमा लेकर आई है और पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
शोकग्रस्त परिवार से मुलाकात के दौरान घर की स्थिति देखकर स्पष्ट हुआ कि दीवारों और फर्श में बने छेद साँप के होने की पुष्टि करते हैं। यह देखकर मन अत्यंत व्यथित हो गया क्योंकि इस तरह का हादसा दर्शाता है कि गाँव में आज भी सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा कितनी कमजोर है। परिवार की इस त्रासदी ने स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि मोदी सरकार लगातार यह दावा करती है कि हर गरीब को घर और मुफ्त राशन मिल रहा है, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। इस घटना ने ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है। सुरक्षा, स्वास्थ्य और उचित आवास जैसी जरूरतों की पूर्ति न होने से ऐसे हादसे होते रहते हैं, जो सीधे तौर पर जीवन को जोखिम में डालते हैं।