पिछले साल सरकार ने 26,000 खाली पड़े कंप्यूटर शिक्षक पदों पर बहाली का आश्वासन दिया था, लेकिन अब शिक्षकों को ट्रेनिंग देकर ही कंप्यूटर शिक्षक बनाने की बात कही जा रही है। यह न केवल योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है, बल्कि सरकार की कंप्यूटर शिक्षा के प्रति अनिच्छा को भी दर्शाता है। क्या इससे डिजिटल शिक्षा को नुकसान नहीं होगा? अभ्यर्थियों के हक की यह लड़ाई जारी रहेगी!