यह आयोजन एक ऐतिहासिक मौके की ओर इशारा करता है, जहाँ बिहार के विभिन्न जनसंगठनों और संघर्षशील ताक़तों का एक विशाल समागम होने जा रहा है। 2 मार्च को पटना के गाँधी मैदान में होने वाला ‘बदलो बिहार महाजुटान’ इस समय के सबसे महत्वपूर्ण जनसंघर्षों का प्रतीक बनेगा। इस महाजुटान का उद्देश्य बिहार में हो रहे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाना और एकजुट होकर इस संघर्ष को आगे बढ़ाना है।
हम सभी से अपील कर रहे हैं कि वे अपनी हक़, अधिकार और न्याय की माँगों को लेकर इस महाजुटान में शामिल हों। यह अवसर सामूहिक शक्ति और संघर्ष को एक दिशा देने का है, जहां हर एक आवाज़ को सुना जाएगा और हर एक माँग को गंभीरता से लिया जाएगा।
आज का समय ऐसा दौर है जब समाज के अलग-अलग हिस्सों से आवाज़ें उठ रही हैं—कहीं मज़दूर अपने श्रम के अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, तो कहीं किसान अपनी ज़मीन और फसल की सुरक्षा के लिए। छात्र-नौजवान शिक्षा, रोजगार और भविष्य की गारंटी की माँग कर रहे हैं, महिलाएं अपने सम्मान और सुरक्षा की लड़ाई लड़ रही हैं, और वंचित-शोषित समुदाय अपने अस्तित्व, बराबरी और न्याय के लिए संघर्षरत हैं।