महाराष्ट्र में वामपंथी संघर्ष और वैचारिक एकता का एक महत्वपूर्ण अध्याय नया मोड़ ले चुका है। लाल निशान पार्टी का CPI(ML) लिबरेशन में विलय न केवल दो राजनीतिक दलों का संगम है, बल्कि यह तीन दशकों से चली आ रही वैचारिक नज़दीकी और साझा संघर्षों की परिणति भी है। यह एक ऐतिहासिक कदम है जो वामपंथी आंदोलन को और भी मजबूत और संगठित बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित होगा।
श्रिरामपुर (अहिल्यानगर) में आयोजित सम्मेलन में 36 सदस्यीय समिति का गठन इस एकजुटता की कार्ययोजना को आगे बढ़ाने का संकेत है। इस वर्ष के अंत तक प्रस्तावित पहला राज्य सम्मेलन वामपंथी आंदोलनों की नई ताकत को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत करेगा और जनता के बीच एक नई उम्मीद जगाएगा।
फासीवादी ताकतों के बढ़ते दबाव और सामाजिक अन्याय के दौर में यह एकता बदलाव की निर्णायक शुरुआत है। यह केवल एक राजनीतिक विलय नहीं, बल्कि मजदूर वर्ग, किसान, दलित, और सभी शोषितों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूती है। संविधान, सामाजिक न्याय, और मजदूर आंदोलनों की समृद्ध विरासत अब CPI(ML) लिबरेशन के साथ और भी व्यापक और प्रभावशाली होगी।