पालीगंज, बिहार राज्य के पटना जिले का एक प्रमुख प्रखंड है, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत, ग्रामीण सौंदर्य और मेहनतकश लोगों के लिए जाना जाता है। जब मैंने पालीगंज के विभिन्न गाँवों का दौरा किया, तो यह अनुभव मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय हिस्सा बन गया। यहाँ के गाँव जैसे कि बिहटा, दरियापुर, अमहारा, बिनौलिया, और धरहरा न केवल अपनी सादगी में सुंदर हैं, बल्कि इनकी मिट्टी में एक खास अपनापन भी है।
हर गाँव में पहुँचते ही वहाँ के लोग जिस आत्मीयता से स्वागत करते हैं, वह दिल को छू जाता है। गाँव की कच्ची सड़कें, चारों ओर फैले खेत, चरते हुए मवेशी, और दूर-दूर तक फैले आम, लीची और बांस के बागान एक शांतिपूर्ण दृश्य प्रस्तुत करते हैं।इन गाँवों में आज भी परंपराएँ जीवित हैं, और लोग अपने रीति-रिवाजों से गहराई से जुड़े हुए हैं।
इस दौरे ने मुझे यह समझाया कि सच्चा भारत इन गाँवों में बसता है — जहाँ सरलता है, समर्पण है, और अपनेपन की भावना है। पालीगंज के गाँवों की यह यात्रा न केवल एक भौगोलिक भ्रमण था, बल्कि यह आत्मा से जुड़ने का एक अनुभव भी था। वहाँ की मिट्टी, लोग, और जीवनशैली ने मेरे दिल में एक स्थायी छाप छोड़ दी। सुबह की आरती, खेतों में हल की गूंज, बच्चों की किलकारियाँ, और बुज़ुर्गों की कहानियाँ — हर क्षण में एक विशेष जीवन्तता है। कृषि यहाँ का मुख्य व्यवसाय है,