पालीगंज में आज आयोजित नुक्कड़ सभा के माध्यम से जनता से अपील की गई कि वे 9 जुलाई को महागठबंधन द्वारा बुलाए गए चक्का जाम को सफल बनाएं और बिहार में मताधिकार पर हो रहे कथित हमलों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ उठाएं।सभा में वक्ताओं ने कहा कि यह केवल एक विरोध नहीं,
उन्होंने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वे बिहार में दलितों, गरीबों, अल्पसंख्यकों और वंचित समुदायों के वोट काटने की "वोटबंदी" जैसी साज़िश रच रहे हैं।पालीगंज से उठी यह हुंकार सत्ता की तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ एक जन-जागरण का संकेत है,
जिसमें हर नागरिक से आह्वान किया गया कि वह लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़क पर उतरकर अपनी भूमिनिभाए इंक़लाब ज़िंदाबाद! — के नारों के साथ यह सभा एक बड़े जन आंदोलन की शुरुआत बनती दिख रही है। बल्कि अपने वोट के अधिकार की रक्षा और लोकतंत्र को जीवित रखने की लड़ाई है।