अक्षत-भभूत नहीं, रोजी-रोटी आवास चाहिए!" के नारे के साथ आज अखिल भारतीय ग्रामीण खेत मजदूर सभा (खेग्रामस) द्वारा पूरे बिहार के सभी प्रखंड कार्यालयों पर गरीबों और भूमिहीनों के हक़ में ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य वास, आवास, रोज़गार, मनरेगा,
बिजली और पानी जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को लेकर सरकार का ध्यान खींचना था। इसी क्रम में पालीगंज प्रखंड कार्यालय पर भी बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जुटकर अपनी आवाज़ बुलंद की और अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
अक्षत-भभूत नहीं, रोजी-रोटी आवास चाहिए!"—इस बुलंद नारे के साथ आज अखिल भारतीय ग्रामीण खेत मजदूर सभा (खेग्रामस) के नेतृत्व में बिहार के तमाम प्रखंड कार्यालयों पर गरीबों, मजदूरों और भूमिहीनों के बुनियादी अधिकारों को लेकर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए।
यह आंदोलन खासतौर पर उन उपेक्षित तबकों की आवाज़ बनकर सामने आया, जो वर्षों से वास, आवास, मनरेगा में काम, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पालीगंज प्रखंड कार्यालय पर हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं, किसान, खेत मजदूर, नौजवान और बुजुर्ग शामिल हुए। उन्होंने अपने हाथों में बैनर-पोस्टर लिए सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक वे अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित रहेंगे।